मुकेश अंबानी बेटे अनंत संग पहुँचे गया, पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया पिंडदान
मुख्य बिंदु:
- रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने पितृपक्ष के दौरान बिहार के गया में किया पिंडदान।
- छोटे बेटे अनंत अंबानी भी इस धार्मिक अनुष्ठान के दौरान उनके साथ मौजूद रहे।
- विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और कर्मकांड संपन्न हुआ।
- अंबानी के आगमन को लेकर गया में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
गया, बिहार: भारत के सबसे बड़े उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन, श्री मुकेश अंबानी, शुक्रवार को अपने छोटे बेटे अनंत अंबानी के साथ पवित्र तीर्थ स्थली गया पहुँचे। पितृपक्ष के पावन अवसर पर उन्होंने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना के लिए पिंडदान का कर्मकांड पूरे विधि-विधान से संपन्न किया।
मुकेश अंबानी और अनंत अंबानी विशेष विमान से गया हवाई अड्डे पर उतरे, जहाँ से वे कड़ी सुरक्षा के बीच सीधे विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के लिए रवाना हुए। यह पहला मौका है जब मुकेश अंबानी ने गया जी आकर यह धार्मिक अनुष्ठान किया है।
विष्णुपद मंदिर में विशेष पूजा
मंदिर पहुँचने पर, अंबानी परिवार ने अपने पुरोहित के मार्गदर्शन में फल्गु नदी के तट पर तर्पण किया और उसके बाद विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में विशेष पूजा-अर्चना की। उन्होंने भगवान विष्णु के पदचिह्नों का दर्शन किया और अपने पितरों के लिए मोक्ष की प्रार्थना की। यह पूरा अनुष्ठान लगभग 45 मिनट तक चला। उनके तीर्थ पुरोहित ने बताया कि अंबानी परिवार ने पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ सभी रीति-रिवाजों का पालन किया।
क्यों महत्वपूर्ण है गया में पिंडदान?
हिन्दू धर्म में गया को मोक्ष की भूमि माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान गया में फल्गु नदी के किनारे पिंडदान और तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी आस्था के साथ हर साल देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहाँ पहुँचते हैं।
सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम
मुकेश अंबानी जैसे हाई-प्रोफाइल व्यक्ति के आगमन को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए थे। हवाई अड्डे से लेकर विष्णुपद मंदिर तक के रास्ते पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। मंदिर परिसर में भी उनकी निजी सुरक्षा के साथ-साथ स्थानीय पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
मुकेश अंबानी का यह दौरा उनके व्यापारिक जीवन से अलग उनके धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों में गहरी आस्था को दर्शाता है। इस धार्मिक यात्रा के बाद अंबानी परिवार शाम को मुंबई के लिए रवाना हो गया।
- रिलायंस इंडस्ट्रीज अपनी दो सबसे बड़ी सब्सिडियरी कंपनियों – रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल – का IPO लाने की योजना बना रही है।
- सूत्रों के अनुसार, जियो का IPO 2026 के अंत तक और रिलायंस रिटेल का IPO 2027 में आ सकता है।
- ये दोनों IPO भारतीय शेयर बाजार के इतिहास के सबसे बड़े पब्लिक इश्यू हो सकते हैं।
- इस कदम से रिलायंस ग्रुप को अपनी विस्तार योजनाओं के लिए भारी फंड जुटाने में मदद मिलेगी।
मुंबई: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी अब अपने दो सबसे सफल बिज़नेस, टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) और रिटेल चेन रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) को शेयर बाजार में लिस्ट कराने की बड़ी तैयारी में हैं। इस दोहरे IPO प्लान से न केवल कंपनी का जबरदस्त विस्तार होगा, बल्कि निवेशकों को भी इन तेजी से बढ़ती कंपनियों में सीधे हिस्सेदारी खरीदने का एक सुनहरा मौका मिलेगा।
क्यों हैं ये IPO इतने खास?
1. रिलायंस जियो (Reliance Jio): जियो आज भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है, जिसके पास 48 करोड़ से भी ज्यादा ग्राहक हैं। 5G टेक्नोलॉजी और डिजिटल सर्विसेज़ में भारी निवेश के साथ, जियो का भविष्य बेहद उज्ज्वल माना जा रहा है। इसका IPO टेक्नोलॉजी और टेलीकॉम सेक्टर में निवेश करने वालों के लिए एक बड़ा आकर्षण होगा। बाजार विश्लेषकों का अनुमान है कि यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा IPO साबित हो सकता है।
2. रिलायंस रिटेल (Reliance Retail): रिलायंस रिटेल भारत की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी है, जिसके स्टोर्स देश के कोने-कोने में फैले हुए हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स, किराना (JioMart), और फैशन सहित हर सेगमेंट में इसकी मजबूत पकड़ है। कंपनी लगातार नई टेक्नोलॉजी और अधिग्रहण के जरिए अपने बिज़नेस को बढ़ा रही है। इसका IPO भारतीय रिटेल सेक्टर की ग्रोथ स्टोरी पर दांव लगाने का एक शानदार अवसर प्रदान करेगा।
निवेशकों और बाजार पर क्या होगा असर?
इन दोनों कंपनियों की लिस्टिंग से भारतीय शेयर बाजार में एक नई जान आने की उम्मीद है। इससे रिलायंस इंडस्ट्रीज की वैल्यू और बढ़ेगी (Value Unlocking), जिसका सीधा फायदा उसके मौजूदा शेयरधारकों को मिलेगा। वहीं, आम निवेशक (Retail Investors) भी देश की दो सबसे सफल कंपनियों के विकास में भागीदार बन सकेंगे।